अटल बिहारी वाजपेयी की अनसुनी प्रेम कहानी |

जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा था कि, देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे महान प्रेम कहानी थी

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अटल बिहारी वाजपेयी की अनसूनी प्रेम कहानी
अटल बिहारी वाजपेयी की अनसूनी प्रेम कहानी

अटल बिहारी वाजपेयी की अनसूनी प्रेम कहानी |


सिंह गर्जना करती हुई धाकड़ सी आवज, ऊर्जा से लबरेज एक-एक लब्स और कविता का धाराप्रवाह पाठ करने वाले हिंदुस्तान की सियासत के पितामह अटल बिहारी वाजपेयी। अटलजी संसद में हों या कविता के मंच पर जब बोलते थे, तो लोग सिर्फ सुनते थे। बीजेपी को फूटी आंख भी न भाने वाले लोग भी अटल बिहारी वाजपेयी के कद्रदान थे, और हो भी क्यों ना हिंदुस्तान की सियासत में उनका कद कुछ ऐसा था, लेकिन ताउम्र अविवाहित रहने वाले अटलजी ने क्या कभी किसी से प्यार नहीं किया, क्या उनको कभी प्यार नहीं हुआ। अगर हुआ तो कौन है वो हसीना हसीना।

फिल्म खामोशी के लिए मशहूर गीतकार गुलजार ने गीत लिखा था। उसके बोल थे “हमने देखी है नाखूनों की महकती खुशबू सिर्फ अहसास है, ये रूह से महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो”। ये गीत अटल बिहारी वाजपेयी की निजी जिन्दगी पर फिट बैठता है। कर्म से नेता और दिल से कवि अटलजी देश के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार थे, जिनका नाम पूरे देश में विरोधी भी सम्मान के साथ लेते थे। उनका सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब की तरह है। अपना जीवन देश और विचारधारा के लिए समर्पित करने वाले अटलजी को वह हर मुकाम देरी से मिला जिसके वे हकदार थे, चाहे वो प्यार हो या देश का सर्वोच्च पद। जिन्दगी एक खूबसूरत यात्रा होती है खूबसूरत मोड़ों के साथ, क्या पता कौन से मोड़ पर वो लम्हा मिल जाए कि पूरी जिन्दगी बदल दे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जिन्दगी में जब वो लम्हा आकर गुजरा तो उदास हो गए। उन्हें लगा कि सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन बाद में ये लम्हा उनके जिन्दगी का हसीन पल बन गया। जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा था कि, देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे महान प्रेम कहानी थी। उन्होंने बताया कि वाजपेयी की जिन्दगी में वो लम्हा आकर गुजर गया लेकिन, अटल जी को वो उदास छोड़ गया। उन्हें लगा कि सब कुछ खत्म हो गया लेकिन बाद में यही लम्हा उनकी जिन्दगी के खूबसूरत प्रेम कहानी बन गया।

अटलजी और राजकुमारी कौल के रिश्ते की शुरुआत 40 के दशक में हुई। उस समय ये दोनों एक कॉलेज में पढ़ते थे और दोनों काफी अच्छे दोस्त थे और ये दोस्ती कब प्यार में तब्दील हो गई किसी को पता ही नहीं चला। उस समय लोग एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं करते थे, आँखों-आँखों में बातें होती थीं। बड़ी हिम्मत जुटाकर अटलजी ने प्रेम पत्र लिख कर राजकुमारी कौल को दिया और जब इसका जवाब नहीं आया तो अटलजी निराश हो गए।

अटलजी पर लिखी गई किताब “अटल बिहारी वाजपेयी मैन फोर ऑल सीजंस” में वाजपेयी की ज़िन्दगी के बारे में कई खुलासे हुए। किताबों के लेखक और पत्रकार किंशुक नाग ने लिखा कि, अटलजी और राजकुमारी के बीच प्यार तो था लेकिन वो अनकहा ही रह गया। इस दौरान राजकुमारी के सरकारी अधिकारी पिता ने उनकी शादी एक युवा कॉलेज के टीचर बृज नारायण कौल से कर दी। किताब के अनुसार राजकुमारी कौल अटल जी से शादी करना चाहती थी, लेकिन घर में इसका जबरदस्त विरोध हुआ। हालांकि अटलजी ब्राह्मण थे, लेकिन कौल अपने को कहीं बेहतर कुल का मानते थे।
दिल्ली के राजनीतिक हलकों में लोग राजकुमारी कौल को मिसेज़ कॉल के नाम से जानते थे। सभी जानते थे कि, वो अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी हैं और अटल बिहारी वाजपेयी का कद भी कुछ ऐसा था कि लोगों ने कभी इस पर ध्यान ही नहीं दिया। लेकिन 2014 में जब मिसेज कौल का निधन हुआ तो पहली बार ये बातें अखबार में छपी और लोगों को पता चला कि, वो अटल बिहारी वाजपेयी की ज़िन्दगी की एक डोर थी।

राजकुमारी कोल ने तो शादी करने के बाद अपना घर बसा लिया लेकिन अटल जी ने कभी शादी नहीं की। उन्होंने सियासी दुनिया में कदम रखा और आगे बढ़ते चले गए। करीब डेढ़ दशक बाद अटलजी और राजकुमारी दोबारा मिले, जब अटलजी सांसद हो गए और राजकुमारी दिल्ली आ गई। उनके पति दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में फिलॉसफी के प्रोफेसर थे। बाद में वो इसी कॉलेज के हॉस्टल के वार्डन बन गए और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी भी उनके साथ रहने लगे। अटलजी के साथी रहे दक्षिणी भारत के पत्रकार गिरीश निकम ने एक इंटरव्यू में अपने अनुभव साझा किए थे। उनका कहना था कि वो जब अटलजी के निवास पर फोन करते थे तब फोन मिसेज कॉल उठाया करती थी। एक बार जब उनकी उनसे बात हुई तो उन्होंने परिचय कुछ यूं दिया “मैं मिसेज कॉल राजकुमारी कौल हूं”। वाजपेयी और मैं लंबे 40 सालों से दोस्त रहे। उन्होंने ये भी बताया कि, किस तरह सालों से वाजपेयी जी उनके और उनके पति प्रोफेसर कोल के साथ रहते आए हैं।